पश्चिम बंगाल के जलपाईगुड़ी जिले के "लक्ष्यभेद पब्लिकेशंस" से प्रकाशित होने वाली सर्वप्रथम हिन्दी डिजिटल फॉर्मेट की पत्रिका "लक्ष्यभेद हिंदी ई-पत्रिका" के वेब पोर्टल पर आपका स्वागत है। आज आपके सामने प्रस्तुत है रचनाकार “सुनीता कुमारी” की एक कविता जिसका शीर्षक है उफ”:
ये तंग होती गलियां ।
अतिक्रमण का दंश ,
हवाएं भी गुजरने से कतराती हैं।
क्योंकि,
इन हवाओं को भी ,
दीवार ही दीवार है केवल,
ये हवाएँ ,
ऊब जाती हैं,
बदबू आती हैं,
उफ
ये तंग होती गलियां
अतिक्रमण का दंश झेलती गलियां।
शकरी ,
लोग चले जा रहे हैं,
चुपचाप मौन
कुछ कहते नही ,
कुछ करते नही ,
उफ
ये तंग होती गलियां
बेबस घुटती ,