पश्चिम बंगाल के जलपाईगुड़ी जिले के "लक्ष्यभेद पब्लिकेशंस" से प्रकाशित होने वाली सर्वप्रथम हिन्दी डिजिटल फॉर्मेट की पत्रिका "लक्ष्यभेद हिंदी ई-पत्रिका" के वेब पोर्टल पर आपका स्वागत है। आज आपके सामने प्रस्तुत है रचनाकार “जितेन्द्र 'कबीर'” की एक कविता जिसका शीर्षक है “अजब समां चला है”:
अजब समां यह चला है
और अजब चली है बयार,
और अभिनेता बने हैं पत्रकार,
और मीडिया करता है सिर्फ प्रचार,
देख कर करता है विरोधी पर प्रहार,
अब बना है सत्ता की तलवार,
और अमीरों को बांटते हैं उपहार,
और ज्यादा कर देती हैं बीमार,
जिनका खुद का उतरता नहीं खुमार,
आज बने हैं क्रांति के सूत्रधार,
झूठों की होती है जय जयकार।