पश्चिम
बंगाल के जलपाईगुड़ी जिले के "लक्ष्यभेद पब्लिकेशंस" से
प्रकाशित होने वाली सर्वप्रथम हिन्दीडिजिटल फॉर्मेटकीपत्रिका "लक्ष्यभेद
हिंदी ई-पत्रिका" के वेब पोर्टल पर आपका स्वागत है।आज आपके
सामने प्रस्तुत है रचनाकार “डॉ• विनय कुमार श्रीवास्तव”की एककविताजिसका
शीर्षक है “बहन-बेटियों के बिना हर घर सूना”: बहन बेटी जरुरी
है घर-घर में रहना। बहन बेटियाँ होती
हैं घर का सम्मान।। आभूषण जैसे हैं
ये रौनक बढ़ाती हैं। घर काम में बचपन
से हाथ बटाती हैं।। पढ़ें लिखें व घर
का काम करें बेटियाँ। माता-पिता का भी
ध्यान रखें बेटियाँ।। घर की रसोंई में
ये मा का हाथ बटायें। पढ़ लिख करके पिता
का मान बढ़ायें।। भाई के माथे पर
बहनें तिलक लगाके। राखी भी ये
बाँधें थाल आरती सजाके।। भाई दूज की पूजा
करती बहन बेटियाँ। टीका लगा आशीष
देती बहन बेटियाँ।। बेटियाँ मा लिए
दोस्त के जैसे हैं होतीं। अच्छी राय देतीं
हैं कभी डाट भी देती।। रूठ भी जाती
प्यार भी करतीं बेटियाँ। ममता नेह स्नेह
दुलार भी देतीं बेटियाँ।। मात-पिता के डांट
मार से उनको रोकें। गलत करें तो हमें
ये बहन बेटियाँ टोकें।। बहन बेटी का भी
घरमें बड़ा अधिकार। बहन बेटियों बिना
हर घर है महाबेकार।। हल्दीरश्म बहन
करे भाई के हल्दी लेपे। बहनें गाकर
शुभगीत बदन में हल्दी लेपे।। बहन बेटियाँ
जिसके भी घर जन्म लेतीं। कन्यादान करने का
शुभअवसर हैं देतीं।। जीवन में हम सब
करते हैं कई-कई यज्ञ। कन्यादान भी कर
पायें तो ये है महायज्ञ।। बहन बेटियाँ दो
परिवारों को सुखी करें। शादी के पहले
मात-पिता घर सुखी करें।। विवाहित हों जब
तो ससुराल सुखी करें। बहनें विवाह बाद
भी दोनों घर को देखें।। बेटी बहन पर गर्व
हमें सदा ही रहता है। सुख दुःख में ये
माँ-बाप खड़ा रहता है।। बेटियाँ देवी हैं
लक्ष्मी हैं दुर्गा हैं मान हैं। पापा की प्यारी
बेटी इज्जत सम्मान हैं।। हर घर में ये बहन
बेटी गुणों की खान हैं। ये बेटी माँ की
सच्ची सहेली और जान हैं।। बेटी का सम्मान
करें वे निज हैं या पराई। बहन बेटियों से
सृष्टि है होती गोद भराई।। इनकी रक्षा करें
इज्जत का रक्खें ध्यान। हर समाज की ये
बहन बेटी हैं अभिमान।। इन्हें पालें
पोशें पढ़ायें शिक्षा व दें सम्मान। बहन बेटियाँ देश
प्रदेशविश्व की हैं शान।।
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