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कविता: बहुत दर्द होता है (नेतलाल यादव, गिरिडीह, झारखंड)


पश्चिम बंगाल के जलपाईगुड़ी जिले के
 "लक्ष्यभेद पब्लिकेशंससे प्रकाशित होने वाली सर्वप्रथम हिन्दी डिजिटल फॉर्मेट की पत्रिका "लक्ष्यभेद हिंदी ई-पत्रिकाके वेब पोर्टल पर आपका स्वागत है। आज आपके सामने प्रस्तुत है रचनाकार “नेतलाल यादव की एक कविता  जिसका शीर्षक है “बहुत दर्द होता है”:

 
जी हां !
दर्द होता है 
बहुत दर्द होता है !
कानों के साथ-साथ
सीधे सीने में होता है,
जब कोई महिला 
भरे पंचायत में 
अपनी पड़ोसन को
चिल्ला-चिल्लाकर
डायन कहती है,
जब कोई अपने ही 
सगे भाई की
कर देता है हत्या
भतीजा केस करने
पहुँचता है थाना,
जब कोई बूढ़ी माता 
आँचल से आँसू पोछ
सिसकियां भरते हुये
व्यथा सुनाती है 
गाँव के पंच परमेश्वर को,
जब कोई जवान पुत्र 
बाप से करता है सवाल
बढ़ जाता है बवाल
कहता है, कुछ नहीं किये
आप मेरे लिये,
जब कोई रोगी
डॉक्टर के सामने
पर्ची के इंतजार में
तड़प-तड़पकर
दम तोड़ देता है,
दर्द तब और बढ़ जाता है
जब देखता हूँ 
कुछ बच्चों के हाथों में
किताबों की जगह
कूड़ा बीनने वाला थैला 
यह सब देखकर
बहुत दर्द होता है 
बहुत दर्द होता है ।।