पश्चिम बंगाल के जलपाईगुड़ी जिले के "लक्ष्यभेद पब्लिकेशंस" से प्रकाशित होने वाली सर्वप्रथम हिन्दी डिजिटल फॉर्मेट की पत्रिका "लक्ष्यभेद हिंदी ई-पत्रिका" के वेब पोर्टल पर आपका स्वागत है। आज आपके सामने प्रस्तुत है रचनाकार “डॉ• राजेश सिंह राठौर” की एक कविता जिसका शीर्षक है “बदलते अर्थ...”:
बैठकर नीम की छॉव में
डाकिये का इन्तजार अब नही होता,
प्यार के भावों से सराबोर नही होता !
स्नेह सने शब्दों के भंण्डार !
सिमट गया है सब कुछ ,
बदल गया है सब कुछ !
देख कर उसका चेहरा सब कुछ भॉप जाना
कि आया है प्रिय का सन्देश
जो बैठा है जा कर दूर देश !
जो मन में सिहरन भरती है !
न कोई समय न कोई इंतजार
बजती है दिन में कई कई बार !