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कविता: उम्मीद (प्रतिभा दुबे, ग्वालियर, मध्य प्रदेश)


पश्चिम बंगाल के जलपाईगुड़ी जिले के
 "लक्ष्यभेद पब्लिकेशंससे प्रकाशित होने वाली सर्वप्रथम हिन्दी डिजिटल फॉर्मेट की पत्रिका "लक्ष्यभेद हिंदी ई-पत्रिकाके वेब पोर्टल पर आपका स्वागत है। आज आपके सामने प्रस्तुत है रचनाकार “प्रतिभा दुबे की एक कविता  जिसका शीर्षक है “उम्मीद”:

एक शाम हम तेरे भी नाम करते है ,
उम्मीद हम तुझसे उम्मीद रखकर
फिर से नई दिशा में एक कदम आगे,
बढ़ने की एक नई शुरुआत करते है ।। 

तेरा शुक्रिया करते है की तूने मन की 
आस पूरी न होने पर भी हमे संभाला 
खोने न दिया विश्वास हमारा खुद से ,
ए जिंदगी हम फिर से हृदय में एक 
नई उम्मीद का दिया रोशन करते है ।। 

जोश भरकर पुनः प्रयास करने के लिए,
उम्मीद पूरी तरह से तेरा शुक्रिया करते है !
असफलता या सफलता मिलें अब हमें
अनुभव जरूर मिलेगा यह हम उम्मीद करते हैं।।

समय अच्छा रहे या बुरा रहे कभी टिकता नहीं

टिमटिमाती है बस उम्मीद की वाती बुझती नही!
है एक दौर ये भी, जो गुजर जाएगा समय के साथ,
हम नए दौर में उम्मीद के नाम से ही नया काम करते है।।