पश्चिम बंगाल के जलपाईगुड़ी जिले के "लक्ष्यभेद पब्लिकेशंस" से प्रकाशित होने वाली सर्वप्रथम हिन्दी डिजिटल फॉर्मेट की पत्रिका "लक्ष्यभेद हिंदी ई-पत्रिका" के वेब पोर्टल पर आपका स्वागत है। आज आपके सामने प्रस्तुत है रचनाकार मधु प्रसाद की एक कविता जिसका शीर्षक है “मातृभाषा हिंदी”:
हिंदी भाषा है,
हमारी मातृभाषा
हम करते है प्यार अपनी भाषा से,
हिंदी जैसी कोई सरल भाषा नहीं,
हिंदी भाषा है,
लोकप्रिय एवं जन- जन की भाषा,
हिंदी भाषा का सम्मान करो,
हिंदी को ना समझो तुक्ष,
क्योंकी ............
भाषा हिंदी है विस्तृत।
बना है हिन्दी से हिन्दू,हिंदुस्तान,
है गर्व हमें हिन्दी पर,
क्योंकी .............
हिंदी है हमारी राष्ट्रीय की भाषा।
जो करते है मातृभाषा से प्यार,
उन्हें हिंदी बोलने ,लिखने और सुनने में,
कोई शर्म नहीं आती।
हिंदी को आगे बढ़ाने के लिए,
हर कदम हम बढ़ाएंगे,
विश्व पटल पर पहुंचायेंगे।
हिंदी को सर्वश्रेष्ठ भाषा बनाएंगे।


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