Welcome to the Official Web Portal of Lakshyavedh Group of Firms

कविता: तुलसीदल भगवान् हिन्दी (प्रकाश पाण्डेय प्रकाश, भागीरथी, पटना, बिहार)

 

पश्चिम बंगाल के जलपाईगुड़ी जिले के "लक्ष्यभेद पब्लिकेशंससे प्रकाशित होने वाली सर्वप्रथम हिन्दी डिजिटल फॉर्मेट की पत्रिका "लक्ष्यभेद हिंदी ई-पत्रिकाके वेब पोर्टल पर आपका स्वागत है। आज आपके सामने प्रस्तुत है रचनाकार प्रकाश पाण्डेय प्रकाश की एक कविता  जिसका शीर्षक है “तुलसीदल भगवान् हिन्दी:

एक अखाड़ा
एक नगाड़ा,
गाओ बजाओ
झण्डा लहराओ।
         हिन्द प्राण हिन्दी
         अमर सुहाग बिन्दी।।
यही तिरंगे का व्याकरण
सही तिरंगे का व्याकरण
          लय ताल तरल।
यही खादी का आवरण
सही खादी का आवरण
         जय ढाल सरल।।
भाग चला ही अंगरेज पिद्दी
चख राष्ट्र जोश जुझारू हिन्दी।
कनक कमण्डलु गंगा जल हिन्दी
अम्बर अमृत चंगा जल  हिन्दी
खार गद्दार सुअर सियार
            नाथे अश्वबल हिन्दी।
ऊसर धूसर चढ़ भू पर
             गाँथे विश्व हल हिन्दी।।
       एक टंकारा
       एक टोकारा
       एक पुकारा
       एक हँकारा
       एक  धारा
         एक नारा
जन जन जान हिन्दी
सूबा सूबा सम्मान हिन्दी।
   प्रकाश हिन्द प्राण हिन्दी
   मन्दिर मन्दिर प्रणाम हिन्दी।।
चमन चमन अमन अनुराग हिन्दी
कुमकुम सिन्दूर सुहाग  बिन्दी ।।।।
          भारत भाषा
       भगवान्  हिन्दी।
            तुलसीदल
        पकवान हिन्दी ।।

Post a Comment

0 Comments