Welcome to the Official Web Portal of Lakshyavedh Group of Firms

कविता: हिंदी है हमारी शान (अर्चना विश्वकर्मा, न्यू डुवार्स डिवीसन चाय बगान, जलपाईगुड़ी, पश्चिम बंगाल)

 

पश्चिम बंगाल के जलपाईगुड़ी जिले के "लक्ष्यभेद पब्लिकेशंससे प्रकाशित होने वाली सर्वप्रथम हिन्दी डिजिटल फॉर्मेट की पत्रिका "लक्ष्यभेद हिंदी ई-पत्रिकाके वेब पोर्टल पर आपका स्वागत है। आज आपके सामने प्रस्तुत है रचनाकार अर्चना विश्वकर्मा की एक कविता  जिसका शीर्षक है “हिंदी है हमारी शान":
 
हिंदी है हमारी शान।
हिंदी है हमारी पहचान ,
इसके बिना हम है अधूरे,
हिंदी ही है हमारा आत्मसम्मान।
कई भाषाओं से मिलती,
कई  देशों में बोली जाती,
अपनी मधुर बोली से मोहित करती,
एक डोर में हमें बांधती।
कहने को तो, यह देश की भाषा
फिर भी न जाने क्यों , सबको लगती यह बाधा!
आधुनिक युग में अंग्रेजी से ही है बुद्धिमत्ता,
हिंदी के महत्वपूर्ण अस्तित्व
को भी तो कोई समझें भला।
जब अंग्रेजी, बांग्ला, मराठी, तेलगु,
उड़िया अन्य भाषाएँ हमें नहीं आती,
तब हिंदी ही हमारा सहयोग है करती,
लेकिन क्यों अपने ही देश में,
सिर्फ 'एक दिन की मेहमान' बनकर रह जाती?
अंग्रेजी जितना 'सम्मान' हिंदी क्यों नहीं पाती?
कमजोर न बनाओ इस हिंदी को
है यह मेरी आशा,
बचाए रखो इस हिंदी को
है यह हमारी राजभाषा।
हिंदी है हमारी शान ,
हिंदी है हमारी पहचान ,
हिंदी बिन हम है अधूरे
हिंदी ही है हमारा आत्मसम्मान।

Post a Comment

0 Comments