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लघुकथा: एडमिशन (नीतू पुरोहित, भीलवाड़ा, राजस्थान)

 

पश्चिम बंगाल के जलपाईगुड़ी जिले के "लक्ष्यभेद पब्लिकेशंससे प्रकाशित होने वाली सर्वप्रथम हिन्दी डिजिटल फॉर्मेट की पत्रिका "लक्ष्यभेद हिंदी ई-पत्रिकाके वेब पोर्टल पर आपका स्वागत है। आज आपके सामने प्रस्तुत है रचनाकार नीतू पुरोहित की एक लघुकथा  जिसका शीर्षक है “एडमिशन":

शर्मा जी जो कि हिन्दी साहित्य अकादमी के सदस्य तथा महाविद्यालय में हिन्दी के प्राचार्य है l कई साहित्यिक संस्थाओं से जुड़े हुए तथा एक अच्छे कवि भी है, बड़ी तल्लीनता से कुछ लिखने में व्यस्त थे तभी उनके परम मित्र सुभाष जी उनसे मिलने आते है

आइये आईये...सुभाष जी नमस्कार बडे़ दिनों बाद आना हुआ, और सब ठीक ठाक तो है

सुभाष जी---जी आपकी दुवाओं से सब ठीक है l और आप बताईये इतनी व्यस्तता... तभी बिच मे शर्मा जी बोलने लगते हैं... हाँ भाई वो हिन्दी पखवाड़ा चल रहा है तो रोज अकादमी और कोलेज में कुछ ना कुछ बोलना ही पडता है तो बस उसी की तैयारी कर रहा था , आखिर हमारे ही दम पर तो हिंन्दी टिकी हुई है वर्ना इन अंग्रेजो ने तो हिंदूस्तान को विलायत बनाने में कोई कसर नही छोडी,और आप का भी तो कवि सम्मेलन है तो क्या हो गई उसकी तैयारी l

सुभाष जी--जी शर्मा जी वो तो होजाएगी l

शर्मा जी-- और बताइये कैसे आना हुआ कोई विशेष बातl

सुभाष जी---बात तो विशेष ही है जी अब पोता 4 साल का हो गया है, इकलौता भी है तो मैं चाहता हूँ कि शहर के किसी नामी कान्वेंट स्कूल में दाखिला करवाऊँ, ताकि फर्राटे दार अंग्रेजी बोल सके, विदेश में नौकरी कर मेरा नाम रौशन कर सके,बस इसी के लिए राय मशवरा करने आया था l

चाय का कप उठाते हुए शर्मा जी शहर के नामी अंग्रेजी स्कूलों के नाम बताने लगे  l

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