पश्चिम
बंगाल के जलपाईगुड़ी जिले के "लक्ष्यभेद पब्लिकेशंस" से
प्रकाशित होने वाली सर्वप्रथम हिन्दी डिजिटल फॉर्मेट की पत्रिका "लक्ष्यभेद
हिंदी ई-पत्रिका" के वेब पोर्टल पर आपका स्वागत है। आज आपके
सामने प्रस्तुत है रचनाकार सलिल सरोज की ग़ज़ल:
औरत को तमाशा बनाए रखिए
और फिर जुबाँ को दबाए रखिए
और सीताओं को सताए रखिए
तो तमाम उलझने गिनाए रखिए
और टीका सिर पर लगाए रखिए
हर बाज़ी इस तरह बिछाए रखिए
इसी तरह इनको सिखाए रखिए
इन्हें लूट कर मर्यादा बचाए रखिए