भारतीय इतिहास में यह दिन
स्वर्ण अक्षरों में लिखा जाएगा,
राम की भूमि का हुआ स्वप्न साकार
भव्य राम मंदिर को दिया गया आकार।
सबसे बड़ा सांस्कृतिक उत्सव
मनाया गया अयोध्या में,
चहुं ओर जले दीये
और हुआ राम का पुनः आगमन।
एक बार फिर से अपनी संस्कृति
पूरे विश्व में गुंजायमान रही,
श्रीराम महापर्व के साक्षी बने सभी
अपनी सभ्यता एक बार पुनः जीवित हुई।
चांदी का कछुआ, सोने का शेषनाग
हनुमान की मूर्ति, सीता राम का श्रृंगार,
भूमि का हुआ पूजन
श्रद्धालुओं का लगा अंबार।
लगभग पांच सौ सालों का संघर्ष
अब जाकर है समाप्त हुआ,
हर घर बना आज गुलशन
मन आज बड़ा प्रसन्न हुआ।