पश्चिम
बंगाल के जलपाईगुड़ी जिले के "लक्ष्यभेद पब्लिकेशंस" से
प्रकाशित होने वाली सर्वप्रथम हिन्दी डिजिटल फॉर्मेट की पत्रिका "लक्ष्यभेद
हिंदी ई-पत्रिका" के वेब पोर्टल पर आपका स्वागत है। आज आपके
सामने प्रस्तुत है रचनाकार एस● के● कपूर "श्री हंस" की एक कविता जिसका शीर्षक है “नई पीढ़ी को सौंपनी है शुद्व स्वच्छ पर्यावरण की विरासत”:
वृक्षों से ही हमारे जीवन में
आती हरियाली है।
प्रकृति पोषित और हर ओर
होती खुशहाली है।।
पर्यावरण सरंक्षण धुरी है
जीवन के रक्षा की।
जानो तभी मनेगी नई पीढ़ी
की होली दीवाली है।।
रक्षा पर्यावरण की तेरी मेरी
सबकी जिम्मेदारी है।
हम अभी से हों समझदार
इसी में होशियारी है।।
नहीं तो बर्बाद ए गुलिस्तां को
होगी जवाबदारी ।
यही आज समय का तकाजा
और खबरदारी है।।
जो हम सिखायेंगे नई पीढ़ी
वही करेगी आगे जाकर।
पर्यावरण के प्रति जागरूक
होगी हमसे सीख लाकर।।
आज कर्तव्य नई पीढ़ी को हमें
सौंपना स्वच्छ पर्यावरण।
अन्यथा आने वाली पीढ़ी दुःख
भरेगी ये विरासत पाकर।।
आती हरियाली है।
प्रकृति पोषित और हर ओर
होती खुशहाली है।।
पर्यावरण सरंक्षण धुरी है
जीवन के रक्षा की।
जानो तभी मनेगी नई पीढ़ी
की होली दीवाली है।।
सबकी जिम्मेदारी है।
हम अभी से हों समझदार
इसी में होशियारी है।।
नहीं तो बर्बाद ए गुलिस्तां को
होगी जवाबदारी ।
यही आज समय का तकाजा
और खबरदारी है।।
वही करेगी आगे जाकर।
पर्यावरण के प्रति जागरूक
होगी हमसे सीख लाकर।।
आज कर्तव्य नई पीढ़ी को हमें
सौंपना स्वच्छ पर्यावरण।
अन्यथा आने वाली पीढ़ी दुःख
भरेगी ये विरासत पाकर।।


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