पश्चिम
बंगाल के जलपाईगुड़ी जिले के "लक्ष्यभेद पब्लिकेशंस" से
प्रकाशित होने वाली सर्वप्रथम हिन्दी डिजिटल फॉर्मेट की पत्रिका "लक्ष्यभेद
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सामने प्रस्तुत है रचनाकार महेन्द्र सिंह 'राज' की एक कविता जिसका शीर्षक है “नवरात्रि”:
नवरात्रि के नौ दिन मां दुर्गा की पूजा होती है।
जोसच्चे मनसे पूजा करता मांउनके पापों को धोती हैं।।
सर्वे विघ्न निवारण करती सर्व सिद्धि की दात्री हैं।।
भक्तों के कल्पित दोषों को मां पल भर में ही हरती हैं।।
माता मंगल दोष काटती ना वह मंगल दोष से डरता ।।
राक्षसी प्रवृत्ति ना आने देती ना होने पाता भक्तमदहोश।।
रवि सम तेज पुंज पाता खुल जाता उसका भाग्य कोष।।
बुद्ध दोष निवारण हो जाता बद्धि तीव्र प्रखर हो जाए।।
जो भक्त प्रेम से पूजे उनको वृहस्पति सम बुद्धि पाता हैं।।
मांसिक शांति मिले जन को शनि का दोष दूर हो जाय।।
राहू दोष निवारण होता उससे राहू भी उससे डरता है।।
मन में पनप रहे दोषों को भक्त के मन से दूर भगाती हैं।।
हर मां बहन बेटी सुरक्षितहो तबहोगा सफल मनाना पर्व।।
पूजा तेरी सफल तब होगी जब नारी मन को लगे न चोट।।


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