पश्चिम
बंगाल के जलपाईगुड़ी जिले के "लक्ष्यभेद पब्लिकेशंस" से
प्रकाशित होने वाली सर्वप्रथम हिन्दी डिजिटल फॉर्मेट की पत्रिका "लक्ष्यभेद
हिंदी ई-पत्रिका" के वेब पोर्टल पर आपका स्वागत है। आज आपके
सामने प्रस्तुत है रचनाकार डॉ. मुश्ताक़ अहमद शाह
"सहज़" की एक कविता जिसका शीर्षक है “बेटियाँ”:
घर की जीनत, फुलों की तरह होती हैं बेटियां ,
चिड़ियों की तरह रोज़ शोर मचाती हैं बेटियाँ ,
मुश्ताक घर को सुनसान कर जाती हैं बेटियां ,


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