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कविता: है यह एक छोटी सी जिन्दगी पर काम बहुत हैं [सुरेश कुमार कपूर (एस● के● कपूर "श्री हंस"), स्टेडियम रोड, बरेली, उत्तर प्रदेश]

पश्चिम बंगाल के जलपाईगुड़ी जिले के "लक्ष्यभेद पब्लिकेशंससे प्रकाशित होने वाली सर्वप्रथम हिन्दी डिजिटल फॉर्मेट की पत्रिका "लक्ष्यभेद हिंदी ई-पत्रिकाके वेब पोर्टल पर आपका स्वागत है। आज आपके सामने प्रस्तुत है रचनाकार एस के कपूर "श्री हंस" की एक कविता  जिसका शीर्षक है “है यह एक छोटी सी जिन्दगी पर काम बहुत हैं”:


यह छोटी सी    जिन्दगी पर
काम    बहुत   हैं।
इसी  में  पूरे करने   को  भी
अरमान बहुत   हैं।।
मत जलते   रहो      बेवजह
किसी   आग    में।
अच्छे कर्मों से ही     मिलती
पहचान  बहुत है।।
 
हसरतें जरूर   पालिये मगर
बे हिसाब      हों।
काम करो हकीकत   में  पर
बस ख्वाब   न हों।।
किस्मत  नहीं बस   कर्म ही
होती      पूजा   है।
हो ऊपर उठने की  बात पर
इरादे खराब न हो।।
 
सहयोग, सत्कर्म , सद्भावना
ही हमारा नियम  हो।
जीवन में धैर्य,विवेक, लगन
और बसा संयम  हो।।
एक सरल  सफल  सुखमय
जीवन बनेगा हमारा।
हो सब कुछ जीवन   में कि
बस नहीं  अहम हो।।