पश्चिम बंगाल के जलपाईगुड़ी जिले के "लक्ष्यभेद पब्लिकेशंस" से प्रकाशित होने वाली सर्वप्रथम हिन्दी डिजिटल फॉर्मेट की पत्रिका "लक्ष्यभेद हिंदी ई-पत्रिका" के वेब पोर्टल पर आपका स्वागत है। आज आपके सामने प्रस्तुत है रचनाकार शिवचरण चौहान की एक कविता जिसका शीर्षक है “किसको अपना हाल सुनाए”:
किसको अपना हाल
सुनाएं रामधनी।
रोए गाये या मुस्काए रामधनी।।
सदियों से किसान सब सहता आया है
किसको अपने घाव दिखाएं रामधनी।।
संसद में हंगामा सड़कों पर धरना
देख रहा सब कुछ मुंह बाए रामधनी।।
भंसाली तो माला माल हो गए सब
चूहे मार दवाई खाए रामधनी ।।
रोए गाये या मुस्काए रामधनी।।
सदियों से किसान सब सहता आया है
किसको अपने घाव दिखाएं रामधनी।।
संसद में हंगामा सड़कों पर धरना
देख रहा सब कुछ मुंह बाए रामधनी।।
भंसाली तो माला माल हो गए सब
चूहे मार दवाई खाए रामधनी ।।