Welcome to the Official Web Portal of Lakshyavedh Group of Firms

कविता: बदलो से छलका पानी (भृगु ऋषि मंडल, सुकान्त पल्ली, दार्जिलिंग मोर, प्रधान नगर, सिलिगुडी़)

 

पश्चिम बंगाल के जलपाईगुड़ी जिले के "लक्ष्यभेद पब्लिकेशंससे प्रकाशित होने वाली सर्वप्रथम हिन्दी डिजिटल फॉर्मेट की पत्रिका "लक्ष्यभेद हिंदी ई-पत्रिकाके वेब पोर्टल पर आपका स्वागत है। आज आपके सामने प्रस्तुत है रचनाकार भृगु ऋषि मंडल  की एक कविता  जिसका शीर्षक है बदलो से छलका पानी”:


बादलों से छलका पानी हम्हे बुला रही है
है जून का महिना सिलीगुड़ी का खुदको अगस्त की बुंदे बता रही,
पंच नदी में बारिस का पानी सारे गंदगी को बहा रही है,
चानमुनी हो ,पंच नदी और महानंदा फुलबारी सबको संगम करा रही,
सब नदियों में छलका ये बारिस का पानी,
ऊपर से हटी गंदगी नदियों का निचे की चमक बता रही,
बादलो से छलका पानी हमें बुला रही है
है टिन का घर हमारा टन-टन करता शोर मचाया
हो गया सबेरा टप-टप करके बारिस होने का एसास दिलाया,
धुल जमी मंदिरों के ऊपर साफ़ कर उसको भी चमकाया,
जून में सावन वाला बारिस आया बारिस आया,
सूरज निकले बादलों को चीरकर सात रंग सा इन्द्रधनुष दिखलाया।
देख इन्द्रधनुष बच्चें ने शोर मचाया,
छप - छप करता बच्चों को देख पानी में सब मुस्काये।