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कविता: चादर तले ........ (श्याम कुमार, वाशाबाड़ी बाजार लाइन, जलपाईगुड़ी, पश्चिम बंगाल)

पश्चिम बंगाल के जलपाईगुड़ी जिले के "लक्ष्यभेद पब्लिकेशंससे प्रकाशित होने वाली सर्वप्रथम हिन्दी डिजिटल फॉर्मेट की पत्रिका "लक्ष्यभेद हिंदी ई-पत्रिकाके वेब पोर्टल पर आपका स्वागत है। आज आपके सामने प्रस्तुत है रचनाकार श्याम कुमार की एक कविता  जिसका शीर्षक है “चादर तले ........”:

ख्वाहिशों के चादर तले
खुद को आज खो दिये ,
 
जिंदगी की वीरान गलियों से
अपनों के मेहफ़िल से हार गये ।
 
बेरुखी की सारे वादे
मिलकर भी अलग हो चली ,
 
कसूर इन निगाहों का दोष
कुछ कह गये कुछ सुना गये ।
 
नसीबों की आयी बारात मेरी ,
हँसा कर फिर रुला गयी
 
यादों ने मुझे एक बार फिर
उनकी गुलाम बना गयी।