पश्चिम
बंगाल के जलपाईगुड़ी जिले के "लक्ष्यभेद पब्लिकेशंस" से
प्रकाशित होने वाली सर्वप्रथम हिन्दी डिजिटल फॉर्मेट की पत्रिका "लक्ष्यभेद
हिंदी ई-पत्रिका" के वेब पोर्टल पर आपका स्वागत है। आज आपके
सामने प्रस्तुत है रचनाकार एस● के● कपूर "श्री हंस" की एक कविता जिसका शीर्षक है “यहीं इसी धरती को हमें स्वर्ग बनाना है”:
बैर विरोध कटुता तो फिर
बात प्यार की नहीं होती।
हर बार मतभेद मनभेद तो
बात इकरार की नहीं होती।।
जब दिल का कोना कोना
नफरत में लिपट जाता है।
तो फिर कोई बात आपस
के सरोकार की नहीं होती।।
कि एक दिन जाना है।
जाकर प्रभु से कर्मों का
अपना खाता जंचवाना है।।
ऊपर जाकर स्वर्ग नरक
की चिंता मत कर अभी।
हो तेरी कोशिश हर क्षण
कि यहीं पर स्वर्ग बनाना है।।
इसे बर्बाद नहीं करना है।
मन में नकारात्मकता का
भाव आबाद नहीं करना है।।
चाहें सब के लिए सुख तो
हम भी सुख ही पायेंगे।
भूलसे किसीके लिए गलत
फरियाद नहीं करना है।।