पश्चिम
बंगाल के जलपाईगुड़ी जिले के "लक्ष्यभेद पब्लिकेशंस" से
प्रकाशित होने वाली सर्वप्रथम हिन्दी डिजिटल फॉर्मेट की पत्रिका "लक्ष्यभेद
हिंदी ई-पत्रिका" के वेब पोर्टल पर आपका स्वागत है। आज आपके
सामने प्रस्तुत है रचनाकार मधु प्रसाद की एक कविता जिसका शीर्षक है “मैं नारी हूं”:
हा मैं नारी हूं ,
बल्कि..........
मुझे गर्व होता है
अपने आप पर
कि मैं जननी हूं।
इस सृष्टि की
पुरुष प्रधान समाज में
मै अबला नारी नहीं रही
क्योंकी मैं प्रतिरोध करना सीख गई
इसलिए........
अब मैं सभ्य नारी हो गई हूं।
अत्याचार को सहन नहीं करती हूं,
मैंने अपनी आंखो को
भेड़िए की आंख की तरह शुर्ख की हूं ,
हा मैं नारी हूं।