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कविता: शब्द (अनिता जैन "वीकेंड शायर", जोधपुर, राजस्थान)

पश्चिम बंगाल के जलपाईगुड़ी जिले के
 "लक्ष्यभेद पब्लिकेशंससे प्रकाशित होने वाली सर्वप्रथम हिन्दी डिजिटल फॉर्मेट की पत्रिका "लक्ष्यभेद हिंदी ई-पत्रिकाके वेब पोर्टल पर आपका स्वागत है। आज आपके सामने प्रस्तुत है रचनाकार अनिता जैन "वीकेंड शायर" की एक कविता  जिसका शीर्षक है “शब्द”:

शब्द तेरे ये शब्द मेरे,
मनुष्य मुख में इनके डेरे।
 
मूक मनुज तो वनमानुष सम,
संदेहों के उस पर घेरे।
 
शब्द बिना जग सूना लागे,
शब्द  हास्य की खान।
 
शब्द बिना प्रियतम ना माने,
शब्द से जान में जान।
 
शब्द खिलाते, शब्द सिखाते,
शब्द बजाते डंका ।
 
शब्द बिना सब भस्म हो जाए ,
ज्यों रावण की लंका।
 
शब्दों से महफ़िल सजती है,
शब्दों से  है गान।
 
शब्द बिना संगीत है सूना ,
बात मेरी यह मान।
 
शब्द हँसाते शब्द रुलाते,
शब्द रचाते अथाह संसार ।
 
शब्द बिना कविता कैसी,
कैसा रचनाकार ।