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कविता: मेरा बिछड़ा यार आया (सपना, औरैया, उत्तर प्रदेश)

पश्चिम बंगाल के जलपाईगुड़ी जिले के
 "लक्ष्यभेद पब्लिकेशंससे प्रकाशित होने वाली सर्वप्रथम हिन्दी डिजिटल फॉर्मेट की पत्रिका "लक्ष्यभेद हिंदी ई-पत्रिकाके वेब पोर्टल पर आपका स्वागत है। आज आपके सामने प्रस्तुत है रचनाकार सपना की एक कविता  जिसका शीर्षक है “मेरा बिछड़ा यार आया”:
 
मेरा बिछड़ा यार आया,
बचपन का प्यार आया।
उसपे आज मुझको ,
बेशुमार प्यार आया।
               मेरा बिछड़ा यार आया,
               बचपन का प्यार आया।
बीते साल महीने देखो,
आज हसीन पल वो आया।
आज फिर से वो मिला है,
जो बिछड़ा था मेरा साया।
             मेरा बिछड़ा यार आया,
             बचपन का प्यार आया।
पतझड़ के मौसम में ,
देखो बहार लाया ।
शहनाई बज रही है,
खुशी की बारात लाया ।
             मेरा बिछड़ा यार आया,
              बचपन का प्यार आया।
खो गया था मेरे दिल का,
वो करार आज आया।
मुझ बिन जिया है वो कैसे,
करने इजहार आज आया।
          मेरा बिछड़ा यार आया,
          बचपन का प्यार आया।
देखकर उसका चेहरा,
जमाना गुजरा याद आया।
एक दूजे से रूठ जाना ,
फिर मनाना याद आया।
          मेरा बिछड़ा यार आया,
          बचपन का प्यार आया।
हाथ हाथों में लेकर,
गुनगुनाना याद आया।
वो शैतानियों का,
गुजरा दौर याद आया।
            मेरा बिछड़ा यार आया,
            बचपन का प्यार आया।
पगडंडियों पे गिरना,
वो संभलना याद आया।
वो हंसना मुस्कुराना,
वो बिछड़ना याद आया।
               मेरा बिछड़ा यार आया,
               बचपन का प्यार आया।
तेरा पहन के वर्दी खाकी,
जाना सरहद पे याद आया।
अपनों को छोड़ करके,
विदा होना याद आया।
            मेरा बिछड़ा यार आया,
            बचपन का प्यार आया।
सीने पे खाके गीली ,
तेरा मुस्काना याद आया।
भारत मां का प्यारा,
राजदुलारा याद आया।
            मेरा बिछड़ा यार आया,
            बचपन का प्यार आया।
लिपट कर तिरंगे में,
आज यार मेरा आया।
जन सैलाब देखो,
नमन करने तुझको आया।
               मेरा बिछड़ा यार आया,
               बचपन का प्यार आया।
है गुरूर मुझको तुझपे,
आज नाज तुझपे आया।
तुझको गले लगाकर,
मुझको सुकून आया।
              मेरा बिछड़ा यार आया,
              बचपन का प्यार आया।
खुश रहना यार मेरे,
अब बिछड़ने का वक्त आया।
याद आओगे बहुत मुझको,
क्यों दुःखद पल आज आया।
               मेरा बिछड़ा यार आया,
               बचपन का प्यार आया
               उसपे आज मुझको
,