पश्चिम
बंगाल के जलपाईगुड़ी जिले के "लक्ष्यभेद पब्लिकेशंस" से
प्रकाशित होने वाली सर्वप्रथम हिन्दी डिजिटल फॉर्मेट की पत्रिका "लक्ष्यभेद
हिंदी ई-पत्रिका" के वेब पोर्टल पर आपका स्वागत है। आज आपके
सामने प्रस्तुत है रचनाकार डॉ● कवीन्द्र नारायण श्रीवास्तव की एक कविता जिसका शीर्षक है “आँखों का पानी,,,,,”:
सूख गया पानी, आँखों का नदिया के।
लहरों के माथे मौर सजा बिन दरिया के।
तले पाँव खिसकी जमीं माली की, फूलों को देख,
सूख गया पानी, आँखों का नदिया के,,,,,,,
पार चली है नैया बिना किसी खेवैया के।
सहमा पतवार देख रहा, केवट की अकुलाहट,
सूख गया पानी, आँखों का नदिया के,,,,,,,,