पश्चिम बंगाल के जलपाईगुड़ी जिले के "लक्ष्यभेद
पब्लिकेशंस" से प्रकाशित होने वाली सर्वप्रथम हिन्दी डिजिटल
फॉर्मेट की पत्रिका "लक्ष्यभेद
हिंदी ई-पत्रिका" के वेब पोर्टल पर आपका स्वागत
है। आज
आपके सामने प्रस्तुत है रचनाकार साक्षी यादव की एक कविता जिसका शीर्षक है “जोश भरी मुस्कान”:
हर सुबह एक जोश
भरी मुस्कान के साथ उठ जाती हूं,
अपनी मंजिल तय
करती हूं,
एक मजबूत इरादे
के साथ अपना सफर शुरू करती हूं,
हा मंजिल तो अभी
तक नहीं मिली
क्युकी मैं शायद
वहां तक जाने में ही हार जाती हूं,
लेकिन इरादे हर
रोज मजबूत होते हैं,
बड़ी लगन, मेहनत के साथ उन्हें पाने की कोशिश करती हूं,
लेकिन अगर कुछ
थोड़ा सा अलग हो गए,
लेकिन अगर कुछ
थोड़ा सा गलत हो जाए,
थोड़ी सी परेशान
हो जाती हूं,
थोड़ी हैरान हो
जाती हूं,
थोड़ी टूट जाती
हूं, थोड़ी बिखर जाती हूं,
लेकिन खुद को
बेहतर बनाने की कोशिश में
खुद को समेट लेती
हूं और फिर आगे बढ़ जाती हूं,
हर सुबह एक जोश
भरी मुस्कान के साथ उठ जाती हूं।