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कविता: मीठे मीठे बोल (सपना, औरैया, उत्तर प्रदेश)

पश्चिम बंगाल के जलपाईगुड़ी जिले के
 "लक्ष्यभेद पब्लिकेशंससे प्रकाशित होने वाली सर्वप्रथम हिन्दी डिजिटल फॉर्मेट की पत्रिका "लक्ष्यभेद हिंदी ई-पत्रिकाके वेब पोर्टल पर आपका स्वागत है। आज आपके सामने प्रस्तुत है रचनाकार सपना की एक कविता  जिसका शीर्षक है “मीठे मीठे बोल”: 

बोल तू मीठे मीठे बोल,
  तू कानों में शहद घोल।
     बोल जब भी कुछ तू बोल,
         जरा सोच समझ कर बोल।
   
           सारे रिश्तों में मिश्री घोल,
        बस अपने शब्दों को तोल।
    समझो वाणी का मोल,
ये गुण है अनमोल।
 
 ये दुनियाँ है गोल मोल,
    अन्तर्मन की आँखें खोल।
        दिल के दरवाजे खोल,
          फिर तू मस्ती में डोल।
 
          लो मुश्किलों से पंगे मोल,
      आँख मिलाकर उनसे बोल।
   अपने डर को पीछे छोड़,
फिर नाचो मस्ती में डोल।
 
निराशाओं से नाता तोड़,
  उदासियों को पीछे छोड़।
      खुशियों की मटकी फोड़,
          तू ईश्वर से नाता जोड़।