पश्चिम
बंगाल के जलपाईगुड़ी जिले के "लक्ष्यभेद पब्लिकेशंस" से
प्रकाशित होने वाली सर्वप्रथम हिन्दी डिजिटल फॉर्मेट की पत्रिका "लक्ष्यभेद
हिंदी ई-पत्रिका" के वेब पोर्टल पर आपका स्वागत है। आज आपके
सामने प्रस्तुत है रचनाकार विक्की चंदेल “चंदेल साहिब” की एक कविता जिसका
शीर्षक है “सरहदें”:
सरहदें न होती,
सोचो अग़र ये,
न कोई झगड़ा,
सभी जगह होता,
न किसी बात,
न कहीं आग,
सब का मालिक,
न कोई परिवार,
क़भी कहीं कोई,
सरहदें न होती,