पश्चिम बंगाल
के जलपाईगुड़ी जिले के "लक्ष्यभेद पब्लिकेशंस" से
प्रकाशित होने वाली सर्वप्रथम हिन्दी डिजिटल फॉर्मेट की पत्रिका "लक्ष्यभेद
हिंदी ई-पत्रिका" के वेब पोर्टल पर आपका स्वागत है। आज आपके
सामने प्रस्तुत है रचनाकार ऋतु गुप्ता की एक कविता जिसका
शीर्षक है “गृह लक्ष्मी हम स्त्रियां....”:
कहते है लोग कि घर की लक्ष्मी होती है हम स्त्रियां।
कुमकुम लगे पैरों से गृह प्रवेश करती है हम स्त्रियां।
अर्थी मे ही विदा होती है हम स्त्रियां।
अपनों को ढूंढती है हम स्त्रियां।
मकान को घर बनाती हम स्त्रियां।
राखी या भाई दूज ,बड़े चाव से मनाती हम स्त्रियां।
ना कोई गिला ,ना कोई शिकवा रखती है हम स्त्रियां।
खुद ही संवर जाती है हम स्त्रियां।
गहनों का सुख पाती है हम स्त्रियां।