पश्चिम
बंगाल के जलपाईगुड़ी जिले के "लक्ष्यभेद पब्लिकेशंस" से
प्रकाशित होने वाली सर्वप्रथम हिन्दी डिजिटल फॉर्मेट की पत्रिका "लक्ष्यभेद
हिंदी ई-पत्रिका" के वेब पोर्टल पर आपका स्वागत है। आज आपके
सामने प्रस्तुत है रचनाकार बंदना पंचाल की एक कविता जिसका
शीर्षक है “कमज़ोर नहीं है नारी”:
कमज़ोर कहां तुम नारी
अब खड़ग तुझे उठाना होगा,
तुझे खुद ही आगे आना होगा।
तूने अपने इस जीवन में,
ख्वाब छिपा लिए मन में।
शब्द कोश से हटाना होगा।
अपनी रक्षा की खातिर
तुझे खुद ही आगे आना होगा।
अब ना सहेगी अत्याचार,
रणचंडी बन कर दे वार।
अंगार बन उन्हें जलाना होगा,
तुझे खुद ही आगे आना होगा।
न द्रौपदी तुझे बनना है,
अधिकार के लिए लड़ना है।
विकराल रूप दिखाना होगा
अपनी रक्षा की खातिर नारी
तुझे खुद ही आगे आना होगा।