Welcome to the Official Web Portal of Lakshyavedh Group of Firms

कविता: कोरोना का प्रभाव (देबीदीन चन्द़वँशी, बेलगवाँ, पुष्पराजगढ़, अनूपपुर, मध्य प्रदेश)

पश्चिम बंगाल के जलपाईगुड़ी जिले के
 "लक्ष्यभेद पब्लिकेशंससे प्रकाशित होने वाली सर्वप्रथम हिन्दी डिजिटल फॉर्मेट की पत्रिका "लक्ष्यभेद हिंदी ई-पत्रिकाके वेब पोर्टल पर आपका स्वागत है। आज आपके सामने प्रस्तुत है रचनाकार देबीदीन चन्द़वँशी की एक कविता  जिसका शीर्षक है “कोरोना का प्रभाव”: 

विश्व करुण क्रन्दमय है,
हा - हा कार मचा है जग में।
लगता युद्ध तीसरा है,
प्रकृति का प्रतिकार है रग - रग में ।।
अति व्याकुल है निज वतन,
इस महामारी के प्रकोप से।
यह धरा निर्जन हो रहा है,
प्रकृति के भीषण कोप से।।
बच कर रहना है इस कहर से,
समर में जीतने की शक्ति बनाना है।
निज जीवन यापन करने का,
सकारात्मक सोंच अपनाना है।।
अति प्रचण्ड महामारी से,
मरहम नही लगा घावों में।
व्यथित वेदना जीवन की,
जीवन बीता अभावो में।।
लाखों जान गई कुर्बानी से,
इस तण्डव से विश्व काँप रहा है।
इस महामारी के भीषण ज्वाला से,
देश सुरक्षा माँग रहा है।।
बाहर नही निकलना है,
विनती करो निज सदन में।
सुखमय जीवन जीना है,
कसक न हो तनिक इस तन में।।