Welcome to the Official Web Portal of Lakshyavedh Group of Firms

कविता: कभी उदास मत होना (जगदीश प्रसाद महावर, जयपुर, राजस्थान)

पश्चिम बंगाल के जलपाईगुड़ी जिले के "लक्ष्यभेद पब्लिकेशंससे प्रकाशित होने वाली सर्वप्रथम हिन्दी डिजिटल फॉर्मेट की पत्रिका "लक्ष्यभेद हिंदी ई-पत्रिकाके वेब पोर्टल पर आपका स्वागत है। आज आपके सामने प्रस्तुत है रचनाकार जगदीश प्रसाद महावर की एक कविता  जिसका शीर्षक है “कभी उदास मत होना”:

जीवन में आयेंगी उलझने बहुत कभी उदास मत होना

डटकर करना सामना कभी उदास मत होना

नदियों में रोकेंगी लहरें बनकर कठिनाईयां

धीरे धीरे हटाना उनको रहेना कोई कोना

जीवन में .....

 

मंजिल पर नहीं पहुंच पाओगे आसानी से तुम

बेवजह रोकेंगे कुछ अपने हैं, पर अपने नहीं

ऐसी परिस्थिति में समझ से लेना काम दिल को लेना थाम

मिल जायगी मंजिल तुम्हें बस खुद से ज्यादा विश्वास किसी पर हो ना

जीवन में ......

 

राह में रोड़े बनकर आयेंगी समस्या बार बार

गिरोंगे फिसलोगें ठोकर से हर बार

मुझे पता है हार नहीं मानोगे उठ खड़े होंगे तुम

झुककर नीचे यूं राह से रोड़ो को अलग करना तकलीफ किसी को हो ना

जीवन में .....

 

आयेंगी खुशियां एक दिन फ़ूल बरसेंगे राहों में

मंजिल पर बैठे होंगे तुम दुनिया होगी कदमों में

राह से हट जायेंगे सारे रोड़े पत्थर कांटे

पर इससे पहले दिल में विश्वास रख काम ऐसा करना फिर चैन से सोना

जीवन में .....