Welcome to the Official Web Portal of Lakshyavedh Group of Firms

कविता: दर्द की जुबान (पुनीत गोयल, पटियाला, पंजाब)

पश्चिम बंगाल के जलपाईगुड़ी जिले के
 "लक्ष्यभेद पब्लिकेशंससे प्रकाशित होने वाली सर्वप्रथम हिन्दी डिजिटल फॉर्मेट की पत्रिका "लक्ष्यभेद हिंदी ई-पत्रिकाके वेब पोर्टल पर आपका स्वागत है। आज आपके सामने प्रस्तुत है रचनाकार पुनीत गोयल की एक कविता  जिसका शीर्षक है “दर्द की जुबान”: 

कल कुछ अजीब सा हुआ महसूस,
जैसे अंदर कुछ था उदास,
समझ कुछ आ नहीं रहा था,
तन्हाई भी बैठी थी मेरे पास,
बोली हल्के से क्या हुआ आज,
ख़ामोश लब थे झुकी पलकें,
सांसें भी छुपा रही थी राज़,
धड़कने बोली बोल दो कुछ,
ना करो ओर नज़र अंदाज़,
एक दर्द दहक रहा था,
अपनों का दिया एक ज़ख्म,
किसी से ना कह सकूं मैं,
दर्द की जुबान होती है बहुत ख़ास,
पुनीत हर कोई समझ नहीं सकता,
इसके लिए मिलते नहीं जल्दी अल्फाज़।