पश्चिम बंगाल
के जलपाईगुड़ी जिले के "लक्ष्यभेद पब्लिकेशंस" से
प्रकाशित होने वाली सर्वप्रथम हिन्दी डिजिटल फॉर्मेट की पत्रिका "लक्ष्यभेद
हिंदी ई-पत्रिका" के वेब पोर्टल पर आपका स्वागत है। आज आपके
सामने प्रस्तुत है रचनाकार बंदना पंचाल की एक कविता जिसका
शीर्षक है “फूल खिले हैं रेगिस्तान में”:
फूल खिले हैं रेगिस्तान में
मैं गर्दिश पर शोक मनाऊं कैसे?
उन लोगों को समझाऊं कैसे?
फिर देख भाग्य जागेगा तेरा।
यह बात उन्हें सिखलाऊं कैसे?
उन लोगों को समझाऊं कैसे?
डर कर यूं भागना ठीक नहीं,
हथियार डालना ठीक नहीं,
उन लोगों को समझाऊं कैसे?