पश्चिम
बंगाल के जलपाईगुड़ी जिले के "लक्ष्यभेद पब्लिकेशंस" से
प्रकाशित होने वाली सर्वप्रथम हिन्दी डिजिटल फॉर्मेट की पत्रिका "लक्ष्यभेद
हिंदी ई-पत्रिका" के वेब पोर्टल पर आपका स्वागत है। आज आपके
सामने प्रस्तुत है रचनाकार शैमी ओझा "लफ्ज़" की एक कविता जिसका
शीर्षक है “याद”:
आपकी यादों ने
नींद चुरा ली,
सुनी सुनी धड़कन
हमारी,
आपको देखके
बेकाबु हो गई,
मेरा दिल बेकरार
है, जहाँपनाह,
दिल न जाने क्यों
नाच उठता है,
दिल सदा डरा डरा
सा रहेता है,
कहीं ए अच्छा पल,
जिंदगी का आखरी न
हो जाए,
आप हमको सात
जन्मों
का वादा देके चले
गए,
क्या यहीं मतलब
होता है,
प्यार मैं दिये
हुए वादो का,
तुने जो जख्म
दिये,
हम न भुल पाये है,
रुह दिल से पुछती
है,
क्या यही होता है
प्यार मैं?
हम ने प्यार किया,
आपने एक याद,
बना कर रख दिया,
रंगीन राह की
हकिकत,
बहुत काली है
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