पश्चिम
बंगाल के जलपाईगुड़ी जिले के "लक्ष्यभेद पब्लिकेशंस" से
प्रकाशित होने वाली सर्वप्रथम हिन्दी डिजिटल फॉर्मेट की पत्रिका "लक्ष्यभेद
हिंदी ई-पत्रिका" के वेब पोर्टल पर आपका स्वागत है। आज आपके
सामने प्रस्तुत है रचनाकार रमनदीप कौर की एक कविता जिसका
शीर्षक है “हम सभ है भारत देश के वासी”:
हम सभ है भारत देश के वासी
यहां ना कोई हिन्दू, ना कोई मुस्लिम
ना कोई सिक्ख ना है कोई ईसाई
यहां हम सभ है बहन - भाई
यहां है सबकी इक पहचान
की हम सभ है इंसान
यहां सभी है हमारी भाषाएं
चाहे वो हिन्दी पंजाबी या हो मालवई
क्योंकि यहां हम सभ है बहन - भाई
तो फिर क्यों होती है एक पंजाबी
लड़की के द्वारा हिन्दी लिखने में रुसवाई
यही कहना चाहती मेरी यह रचना
हमें सभ से प्रेम चहिए बनाए रखना
क्योंकि लेखक का ना होता कोई धर्म
ना होती कोई जातउसे केवल बयां करने होते
मन के भाव
हमें उसे नही चाहिए कहना
लिख हिन्दी या भाषा पंजाबी क्योंकि
हम सभ है भारत देश के वासी
यहां हर वस्तु होती सांझी ...
हम सभ है भारत देश के वासी
यहां ना कोई हिन्दू, ना कोई मुस्लिम
ना कोई सिक्ख ना है कोई ईसाई
यहां हम सभ है बहन - भाई
यहां है सबकी इक पहचान
की हम सभ है इंसान
यहां सभी है हमारी भाषाएं
चाहे वो हिन्दी पंजाबी या हो मालवई
क्योंकि यहां हम सभ है बहन - भाई
तो फिर क्यों होती है एक पंजाबी
लड़की के द्वारा हिन्दी लिखने में रुसवाई
यही कहना चाहती मेरी यह रचना
हमें सभ से प्रेम चहिए बनाए रखना
क्योंकि लेखक का ना होता कोई धर्म
ना होती कोई जातउसे केवल बयां करने होते
मन के भाव
हमें उसे नही चाहिए कहना
लिख हिन्दी या भाषा पंजाबी क्योंकि
हम सभ है भारत देश के वासी
यहां हर वस्तु होती सांझी ...