पश्चिम बंगाल के जलपाईगुड़ी जिले के "लक्ष्यभेद पब्लिकेशंस" से प्रकाशित होने वाली सर्वप्रथम हिन्दी डिजिटल फॉर्मेट की पत्रिका "लक्ष्यभेद हिंदी ई-पत्रिका" के वेब पोर्टल पर आपका स्वागत है। आज आपके सामने प्रस्तुत है रचनाकार शबनम भारतीय का एक हाइकू:
लोभ कामिनी
मोहे नाच नचाए
मन भंवरा
भौंरा खिलाए
नव पुष्पित
कली
माली ले जाए
गुल दहका
बगिया गुलजार
जहाँ बहका
सूरज थका
लोहित नील नभ
गौ चली वास्
आँखें अटकी
नव कली चटकी
जग बौराया
लब खामोश
ऑनलाइन शौर
अजब दौर
हिंसक शेर
बने बगुला भक्त
लगा मुखोटे
रंगे सियार
खोल बदलकर
मांगते वोट
दौलत नशा
चढ़ के ना उतरे
मै कदा बन्द
स्वार्थ लड़ाए
इंसा ना कभी लड़े
धर्म की आड़
अमीर जादे
तिगनी नाच नाचे
पैसा नचाए
फिर आएंगे
कलम दावेदार
सत्य मार्गी
फैला अंधेरा
अशिक्षा बनी काल
दीपक बन
शिक्षित बाला
भविष्य समाज का
देश सशक्त
बालिका शिक्षा
मुआशरा सुधारे
पीढियां तरे
महिला मान
एक सुंदर गान
ढोल में पोल
सशक्त नारी
ना नर पर भारी
अर्धांगनी
बालिका
खूबसूरत नारा
हालात बद
नर ओ नारी
गाड़ी के दो पहिये
बच्चे बेलेंस