पश्चिम बंगाल के जलपाईगुड़ी जिले के "लक्ष्यभेद
पब्लिकेशंस" से प्रकाशित होने वाली सर्वप्रथम हिन्दी डिजिटल
फॉर्मेट की पत्रिका "लक्ष्यभेद
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है। आज
आपके सामने प्रस्तुत है रचनाकार नूतन गर्ग की एक कविता जिसका शीर्षक है “भारत की नज़र में चीन”:
भारत की क्या बात कहें,
है बात उसकी सबसे निराली,
न किसी से बैर, न किसी से दूरी,
बस मानवता का पाठ पढ़ाने
रहता सबसे आगे।
लेकिन इसका यह मतलब नहीं,
कि जो चाहे आंख उठा ले,
अगर डालता कोई भी बुरी
नज़र,
तो देना जानता मुंहतोड़
जवाब भारत।
चीन को समझा उसने हमेशा
अपना हितैषी,
एक बार नहीं कई बार चीन
बन गया विरोधी,
बार - बार समझा - समझाकर, हाथ मिलाकर,
बात कभी बनती-बात कभी
बिगड़ती।
भारत की नज़र में चीन है
एक,
दोस्त कम! व्यापारिक
साथी ज्यादा,
जिसने साथ निभाया कम,
पर धोखा दिया ज्यादा।
अपना भारत वो देश है,
जिसको लगें सब अपने से,
फिर चाहे वह चीन हो या
हो,
और कोई भी पड़ौसी देश।
भारत की नज़र में चीन,
है एक पड़ौसी देश,
तू - तू - मैं - मैं
करते - करते,
रहेंगे हमेशा पड़ौसी
देश।
भारत की क्या बात कहें,