पश्चिम बंगाल के जलपाईगुड़ी जिले के "लक्ष्यभेद पब्लिकेशंस" से प्रकाशित होने वाली सर्वप्रथम हिन्दी डिजिटल फॉर्मेट की पत्रिका "लक्ष्यभेद हिंदी ई-पत्रिका" के वेब पोर्टल पर आपका स्वागत है। आज आपके सामने प्रस्तुत है रचनाकार “डॉ• विनय कुमार श्रीवास्तव” की एक कविता जिसका शीर्षक है “आदर्श शिक्षक होना सदा गर्व की बात है”:
शिक्षक राष्ट्र निर्माता है रहे सब के करीब।
शिक्षक बने जीवन में सबको नहीं नसीब।।
शिक्षक का हर फर्ज निभाना मेरा धर्म है।।
दुनिया मे सबसे है केवल शिक्षक महान।।
गुरु ही वैज्ञानिक टीचर दार्शनिक बनाये।।
उनकी प्रतिभा शिक्षक से और निखरता।।
कई बड़े व्यवसायी व उद्योगपति भी बने।।
साहब बन जीवन में देश में करे तरक्की।।
शिक्षक बिना अधूरा है ये समाज संसार।।
गुरु के ज्ञान ज्योति से जीवन संवरता है।।
आध्यात्म योग चिकित्सा गुरु ही देते ज्ञान।।
गुरु ज्ञान दे सरल कठिन सीखें सब जतन।।
प्रोटोकाल छोड़ करें वे निज गुरु का मान।।
जिनके जन्मदिन को शिक्षक दिवस कहें।।
सदा आदर सम्मान शिष्य समाज से पाये।।
बहुत बहुत है शुभकामनाएं हार्दिक बधाई।।