Welcome to the Official Web Portal of Lakshyavedh Group of Firms

कविता: हिंदी राष्ट्र धरोहर (सोनल ओमर, कानपुर, उत्तर प्रदेश)

पश्चिम बंगाल के जलपाईगुड़ी जिले के
 "लक्ष्यभेद पब्लिकेशंससे प्रकाशित होने वाली सर्वप्रथम हिन्दी डिजिटल फॉर्मेट की पत्रिका "लक्ष्यभेद हिंदी ई-पत्रिकाके वेब पोर्टल पर आपका स्वागत है। आज आपके सामने प्रस्तुत है रचनाकार “सोनल ओमर की एक कविता  जिसका शीर्षक है “हिंदी राष्ट्र धरोहर”:

 
हिंदी है हमारी मातृभाषा
हिन्द की राष्ट्रभाषा भी बननी चाहिए।
हिंदी है राष्ट्र की धरोहर
धरोहर आगे बढ़नी चाहिए।।
 
रंगा विविध रंगों में भारतवर्ष हमारा है,
अनेक बोली-भाषाओं का संगम ये न्यारा है,
भिन्न-भिन्न स्थलों के जनमानस को
जोड़ने का हिंदी ही बनती सहारा है,
 
बोलो चाहें कोई भी भाषा
भारत में रहकर हिंदी आनी चाहिए।
हिंदी है राष्ट्र की धरोहर
धरोहर आगे बढ़नी चाहिए।।
 
हिंदी में ही बोलते सब गीत हिंदी में ही गाते हैं,
हिंदी के मीठे बोल-बोलकर करीब हो जाते हैं,
समय जब आता है हिंदी को स्वीकारने का,
इसको अपनाने में लोग व्यर्थ क्यों घबराते हैं,
 
हिंदी है अपने देश की भाषा
इसे श्रेष्ठ स्वीकारना चाहिए।
हिंदी है राष्ट्र की धरोहर
धरोहर आगे बढ़नी चाहिए।।
 
देश में कभी मुगल कभी अंग्रेजों का राज हुआ,
जिसकारण अंग्रेजी और उर्दू का साम्राज्य हुआ,
विदेशी भाषाओं की अभ्यस्तता के चलते,
संविधान में सरकारी कार्यों में इनका काज हुआ,
 
पर हिंदी है जन-जन की भाषा
हिंदी में ही राज-काज होने चाहिए।
हिंदी है राष्ट्र की धरोहर
धरोहर आगे बढ़नी चाहिए।।