पश्चिम
बंगाल के जलपाईगुड़ी जिले के "लक्ष्यभेद पब्लिकेशंस" से
प्रकाशित होने वाली सर्वप्रथम हिन्दीडिजिटल फॉर्मेटकीपत्रिका "लक्ष्यभेद
हिंदी ई-पत्रिका" के वेब पोर्टल पर आपका स्वागत है।आज आपके
सामने प्रस्तुत है रचनाकार “कुमारी दीपा”की
एककविताजिसका
शीर्षक है “बहन एक आस और विश्वास”: जब हम थक हार
जाते है, पूरी तरह जब टूट
जाते है, तब कोई हाथ मेरे
सर पे होता है आसीस भरता है, मेरी टूटी हिम्मत
में जो विश्वास भरता है, वो होती है बहन
तुम जैसी फिर ये सम्भव होता है । जब मेरी गलती को
उजगार करती हो, मार के ताना भी, जब तुम सँभलती हो, वो तब होता है जब
तुम जैसी बहन होती है, रिश्ते गर्भ से
नही गिने जाते, कुछजमी पे आके बनते है, जन्म लेके अलग घर
में भी, एक हक जो बहन
होने का देती हो, वो तब होता है जब
तुम जैसी बहन होती है, हर कोशिश में एक
जीत का प्रयास लेके जो डुबोती
हो, वो होता बस इतना
कंकर सा, लेकिन वो कनक सी
चमकती है, वो तब होता है जब
तुम जैसी बहन होती है।
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