पश्चिम बंगाल के जलपाईगुड़ी जिले के "लक्ष्यभेद पब्लिकेशंस" से प्रकाशित होने वाली सर्वप्रथम हिन्दी डिजिटल फॉर्मेट की पत्रिका "लक्ष्यभेद हिंदी ई-पत्रिका" के वेब पोर्टल पर आपका स्वागत है। आज आपके सामने प्रस्तुत है रचनाकार “डॉ. शीला भार्गव” की एक कविता जिसका शीर्षक है “परिवर्तित समय की धारा”:
नया सृजन नई दिशा
जब पुकारती अतीत को
प्रात की रविकिरण संवारती
निशीथ को
वार्धक्य तरुणाई लिए
बचपन सहलाता रहा
सतयुग ने गूंज सुनाई
द्वापर ने त्रेता संग
सत्युग को दी बिदाई
सागर को धारती
लहर ढूंढें नदिया को
जो बर्फ से पिघलती
तारे मुस्कुराते हैं
घूम घूम ब्रम्हांड में
गीत गुनगुनाते हैं।