पश्चिम बंगाल के जलपाईगुड़ी जिले के "लक्ष्यभेद पब्लिकेशंस" से प्रकाशित होने वाली सर्वप्रथम हिन्दी डिजिटल फॉर्मेट की पत्रिका "लक्ष्यभेद हिंदी ई-पत्रिका" के वेब पोर्टल पर आपका स्वागत है। आज आपके सामने प्रस्तुत है रचनाकार “नेतलाल यादव” की एक कविता जिसका शीर्षक है “हमसे बेहतर ये पक्षी”:
वर्षों से, घर के सामने
न कोई लड़ाई, न कोई खिचखिच,
देखता है आदमी को,
अपना सुंदर-सा आशियाना
जी लेगा, खुद का जीवन
सीख लेगा, माता-पिता से,
और सीखते हैं, घर का बंटवारा
खड़ा करते हैं, आँगन में दीवार
बनाते हैं, घर में ही बाघा बॉर्डर,
टकराने लगते हैं, आपस में भाई
करने लगते हैं, जग हंसाई
भूल जाते हैं, आपसी खून
रिश्तों का करते हैं खून
मरने के बाद ही,श्मशान में,
तब बरगद के स्थायी बसेरे
सुबह-शाम, करने लगते हैं
मधुर स्वर में गान,
भाई रिश्तों को पहचान ।।