पश्चिम बंगाल के जलपाईगुड़ी जिले के "लक्ष्यभेद पब्लिकेशंस" से प्रकाशित होने वाली सर्वप्रथम हिन्दी डिजिटल फॉर्मेट की पत्रिका "लक्ष्यभेद हिंदी ई-पत्रिका" के वेब पोर्टल पर आपका स्वागत है। आज आपके सामने प्रस्तुत है रचनाकार रवि किशन “शिवा” की एक कविता जिसका शीर्षक है “गाँव":
हरियाली की रियासत,
आजाद तितलियों का जहांन
भोले भाले चेहरे सारे
छल और कपट से अनजान।
अमवां की झूमती डालियां
झुक कर करे सलमियाँ
पीपल की शीतल छाया
मुसाफिर को दे सुकून और आराम।
आन भी ऊंचे शान भी ऊंचे
इरादे आसमान से ऊंचे
माटी में जन्मे यहां
बड़े बड़े सुरमा और बलबान।
हरे भरे खेत, लहलहाता खलिहान
कृषक की प्रतिष्ठा बढ़ाये सम्मान
फसलों की इतराती जवानी
कुंए का ठंढा और मीठा पानी।
इंसाफ करे मंदिर ,
बरकत दिलाये मस्जिद
संगत करे संग संग
कीर्तन और अज़ान ।