पश्चिम बंगाल के जलपाईगुड़ी जिले के "लक्ष्यभेद पब्लिकेशंस" से प्रकाशित होने वाली सर्वप्रथम हिन्दी डिजिटल फॉर्मेट की पत्रिका "लक्ष्यभेद हिंदी ई-पत्रिका" के वेब पोर्टल पर आपका स्वागत है। आज आपके सामने प्रस्तुत है रचनाकार सरस्वती उनियाल की एक कविता जिसका शीर्षक है “भारत देश हमारा प्यारा":
भारत देश हमारा प्यारा,
हमको है यह जान से प्यारा।
हमारे देश के पावन नदियां तीर्थ,
वीर-चरण रज पावन माटी धाम।
सारे जग में सबसे ही ऊपर
सदा रहे हमारे देश का नाम।
भारत देश हमारा प्यारा,
हमको है यह जान से प्यारा ।
वीर सपूत जो पहरा देते,
दुश्मन को धाराशायी करते।
हिमालय से रहते डटकर,
गर्मी,सर्दी,वर्षा सहकर ।
भारत देश हमारा प्यारा ,
हमको है यह जान से प्यारा।
कुछ नहीं मातृभूमि से बढ़कर,
जान लुटा दें इस पर हंस कर।
यह जननी है वीर प्रसूता ,
देवभूमि देती देवों को न्योता।
भारत देश हमारा प्यारा ,
हमको है यह जान से प्यारा।