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कविता: भारत देश हमारा प्यारा (सरस्वती उनियाल, विकास नगर, देहरादून, उत्तराखंड)

 

पश्चिम बंगाल के जलपाईगुड़ी जिले के "लक्ष्यभेद पब्लिकेशंससे प्रकाशित होने वाली सर्वप्रथम हिन्दी डिजिटल फॉर्मेट की पत्रिका "लक्ष्यभेद हिंदी ई-पत्रिकाके वेब पोर्टल पर आपका स्वागत है। आज आपके सामने प्रस्तुत है रचनाकार सरस्वती उनियाल की एक कविता  जिसका शीर्षक है “भारत देश हमारा प्यारा":

भारत देश हमारा प्यारा,

हमको है यह  जान से प्यारा।

 

हमारे देश के पावन नदियां तीर्थ,

वीर-चरण रज पावन माटी धाम।

सारे जग में सबसे ही  ऊपर

सदा रहे हमारे देश का नाम।

 

भारत देश हमारा प्यारा,

हमको है यह जान से प्यारा ।

 

 

वीर सपूत जो पहरा देते,

दुश्मन को धाराशायी करते।

हिमालय से रहते डटकर,

गर्मी,सर्दी,वर्षा सहकर ।

 

भारत देश हमारा प्यारा ,

हमको है यह जान से प्यारा।

 

कुछ नहीं मातृभूमि से बढ़कर,

जान लुटा दें इस पर हंस कर।

यह जननी है वीर प्रसूता ,

देवभूमि देती देवों को न्योता।

 

भारत देश हमारा प्यारा ,

हमको है यह जान से प्यारा।