पश्चिम बंगाल के जलपाईगुड़ी जिले के "लक्ष्यभेद पब्लिकेशंस" से प्रकाशित होने वाली सर्वप्रथम हिन्दी डिजिटल फॉर्मेट की पत्रिका "लक्ष्यभेद हिंदी ई-पत्रिका" के वेब पोर्टल पर आपका स्वागत है। आज आपके सामने प्रस्तुत है रचनाकार विभा त्रिपाठी की एक कविता जिसका शीर्षक है “सबसे पहले देश ":
तुमसे हमारी जिन्दगी मुस्कान तुमसे है
इस दिल की सारी ख्वाहिशें, अरमान तुमसे है।
गर तुम न हो तो देखे न आँखें कोई सपना
हम जिन्दा हैं हमारी ये पहचान तुमसे है।
ये भोली-भाली बातें ये मासूम से चेहरे
जीने के लिये सारा इन्तजाम तुमसे है।
मेहनत करो तुम इतनी कि हो नाम वो रोशन
घर, गाँव, देश सबका ही सम्मान तुमसे है।
दे दी तेरे हाथों मे मैने अपनी ये धरोहर
मैं मर भी जाऊँ तो भी मेरा नाम तुमसे है।।
है सबसे पहले देश तुम्हे याद ये रहे
ये झन्डा और ये गीत सब निशान तुमसे है।।
फिर से बना दो देश को सोने की वो चिड़िया
इस जिन्दगी का आखिरी ये काम तुमसे है।।