पश्चिम बंगाल के जलपाईगुड़ी जिले के "लक्ष्यभेद पब्लिकेशंस" से प्रकाशित होने वाली सर्वप्रथम हिन्दी डिजिटल फॉर्मेट की पत्रिका "लक्ष्यभेद हिंदी ई-पत्रिका" के वेब पोर्टल पर आपका स्वागत है। आज आपके सामने प्रस्तुत है रचनाकार नीलू गुप्ता की एक कविता जिसका शीर्षक है “प्रेम":
ढाई अक्षर का शब्द प्रेम
समेटता है कई गहरे अर्थ
स्वरूप इसका है असीमित
अपने आप में है विराट यह
मानव मन का यह भाव ऐसा
सीमित नहीं कहने सुनने तक
समझने या महसूस कर सकते
शब्दों से परे है यह
मानव जीवन की है आधारशिला
बिन प्रेम जीवन कोरी कल्पना
भाषा नहीं कोई इसकी
बेजुबान है एहसास इसका
प्यार जहां, समर्पण वहीं
देने में यह विश्वास करता
जीवन में प्रेम मिठास घोलता
रिश्तों से कटुता दूर करता
सच्चा प्रेम न शारीरिक सुंदरता देखता
न आर्थिक और शैक्षणिक पृष्ठभूमि
यह तो बस अपने प्रिय के
सामीप्य का है आकांक्षा होता
सच्चे प्रेम का पुष्प तो
कोमल भावनाओं की भूमि पर
विश्वास और मन की पवित्रता बीच
खिलता, महकता और है संवरता।