पश्चिम बंगाल के जलपाईगुड़ी जिले के "लक्ष्यभेद पब्लिकेशंस" से प्रकाशित होने वाली सर्वप्रथम हिन्दी डिजिटल फॉर्मेट की पत्रिका "लक्ष्यभेद हिंदी ई-पत्रिका" के वेब पोर्टल पर आपका स्वागत है। आज आपके सामने प्रस्तुत है रचनाकार निशा गुप्ता की एक कविता जिसका शीर्षक है “दर्द":
दर्द
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देख कोई प्रेमी
जोड़ा जब,
हाथ मे हाथ लिए चलते है !
याद प्रीतम तेरी
आ जाती है,
दिल की धड़कन तेज हो जाती है
दर्द
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देख एक निवाला
रोटी कोई माँ,
अपने बच्चे को खिलाती है !
याद माँ तेरी आ
जाती है,
आंसू आँखों से फिर न रुक पाती है !
दर्द
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देख उस पिता को
जो,
अपनी गुड़िया के लिए जब गुड़िया लाते है !
याद पापा तेरी आ
जाती है,
गुड़ियों वाला बचपन से रूह सिहर जाती है !
दर्द
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देख राखी का थाल
सजाए जब,
बहन अपने भाई को टिका लगाती है !
याद भाई तेरी आ
जाती है,
मेरी सुनी हाथ दर्द से काँप जाती है !
दर्द
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देख बहन बहन आपस
मे,
खूब हँसी -ठिठोली करती है !
याद बहना तेरी आ
जाती है,
बहन ही सच्ची दोस्त कहावत याद आ जाती
है !