पश्चिम बंगाल के जलपाईगुड़ी जिले के "लक्ष्यभेद पब्लिकेशंस" से प्रकाशित होने वाली सर्वप्रथम हिन्दी डिजिटल फॉर्मेट की पत्रिका "लक्ष्यभेद हिंदी ई-पत्रिका" के वेब पोर्टल पर आपका स्वागत है। आज आपके सामने प्रस्तुत है रचनाकार निशा गुप्ता की एक कविता जिसका शीर्षक है “गलतफहमी":
ऐसी हवा चली
गलतफहमी की,
तिनका तिनका उड़ा
ले गई !!!
ऐसा तूफान आया
गलतफहमी का,
सारे रिश्ते रौंद
के चलता बना !!!
ऐसी बारिश बरसी
गलतफहमी की,
बरसों की मजबूत
नींव हील गई !!!
ऐसा कान भरा गया
गलतफहमी का,
टूट टूट कर बिखरा
सब अपना !!!
ऐसी चाल चली उसने
गलतफहमी की,
फिर ना अपनी सोच
से चल पाई !!!
ऐसा बीज बोया
सबने गलतफहमी का,
फिर ना कभी वो
रिस्ता पनप पाया अपनेपन सा !!!
ऐसा जहर खिलाया
गलतफहमी का,
फिर ना जान आया
अपनत्व का !!!