पश्चिम
बंगाल के जलपाईगुड़ी जिले के "लक्ष्यभेद पब्लिकेशंस" से
प्रकाशित होने वाली सर्वप्रथम हिन्दी डिजिटल फॉर्मेट की पत्रिका "लक्ष्यभेद
हिंदी ई-पत्रिका" के वेब पोर्टल पर आपका स्वागत है। आज आपके
सामने प्रस्तुत है रचनाकार सलिल सरोज की एक कविता जिसका
शीर्षक है “किरदार”:
जब भी मेरा किरदार
बताया जाएगा
दावा है, वो असरदार बताया जाएगा
मैंने बचाया है
कविताओं को मरने से
मुझे सभ्यता का पहरेदार बताया जाएगा
मैंने बोए हैं
कितने ही अनकहे
अहसास
मुझे नई फसलों का जमींदार बताया जाएगा
जितना भी पाया, अपनी
मेहनत से पाया
रकीबों में भी मुझे खुद्दार बताया जाएगा
ना कोई लाग-लपेट, ना कोई
छींटाकशी
मेरी सीरत को धारदार बताया जाएगा
कल को अगर मैं ना भी रहा तो क्या होगा
मेरी बातों को पर जानदार बताया जाएगा
दावा है, वो असरदार बताया जाएगा
मुझे सभ्यता का पहरेदार बताया जाएगा
मुझे नई फसलों का जमींदार बताया जाएगा
रकीबों में भी मुझे खुद्दार बताया जाएगा
मेरी सीरत को धारदार बताया जाएगा
मेरी बातों को पर जानदार बताया जाएगा


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