पश्चिम
बंगाल के जलपाईगुड़ी जिले के "लक्ष्यभेद पब्लिकेशंस" से
प्रकाशित होने वाली सर्वप्रथम हिन्दी डिजिटल फॉर्मेट की पत्रिका "लक्ष्यभेद
हिंदी ई-पत्रिका" के वेब पोर्टल पर आपका स्वागत है। आज आपके
सामने प्रस्तुत है रचनाकार माधुरी पाण्डेय की एक कविता जिसका
शीर्षक है “मैं हिन्दी भाषा”:
मैं वह हिन्दी भाषा हूँ ,
जिसका होता है अपमान
अपने ही देश में ,
और होता है सम्मान
दूसरे देश में ।
मेरी योग्यता जान कर भी
मेरी योग्यता जान कर भी
पूछते हैं ,
आपकी योग्यता क्या है ?
अंग्रेजी को सर्वप्रथम मानते हो ,
उन्हें ज्ञानी बताते हो ।
फिर मुझे पढ़कर ,
खुद को क्यों
अनपढ़ बताते हो ?
मैं ये नहीं कहती कि
मुझे अन्य भाषाओं से बैर है
पर ,
अन्य भाषाओं को बोलते और
पढ़ते ,
मुझे मत पछाड़ो ।
कहते हैं ,
ह से हिन्दुस्तान और
ह से हिन्दी ,
और सारे जहाँ से अच्छा हिन्दुस्तान हमारा
फिर क्यों ?
मेरे हिन्दुस्तान में मुझे हेय
देखते हैं ।
आख़िर क्यों ?
मैं वह हिन्दी भाषा हूँ ,
अपने ही देश में ,
दूसरे देश में ।
मेरी योग्यता जान कर भी
पूछते हैं ,
फिर मुझे पढ़कर ,
अनपढ़ बताते हो ?
मुझे अन्य भाषाओं से बैर है
पर ,
पढ़ते ,
ह से हिन्दी ,
फिर क्यों ?
देखते हैं ।
आख़िर क्यों ?


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